सुराजी गाँव योजना
सुराजी गांव योजना का शुभारंभ छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 8 फरवरी 2019 को किया गया था, सुराजी गांव योजना में सरकार नारा था "गड़बो नवा छत्तीसगढ़" और "नरवा गरवा घुरवा बारी" जो गोधन न्याय योजना से तात्पर्य रखता है।
नरवा गरवा घुरवा बारी ग्रामीण क्षेत्र की संस्कृति है जिसके तहत नरवा यानी नहर गरवा यानी गाय एवं बारी मतलब बगीचा को इन Suraji gaanv Yojana के द्वारा संस्कृति को बचाने एवं विकसित करने के लिए बनाया गया है।
सुराजी गांव योजना का उद्देश्य
- ग्रामीण अधोसंरचना का विकास करना।
- रोजगार के अवसर प्रदान करना।
- ग्रमीण संस्कृति को बढ़ावा देना।
- पशुधन का सम्मान करना।
नरवा गरवा घुरवा एवं बारी की प्रगति
- नरवा - नहर के माध्यम से अद्यतन कैम्पा जो वन क्षेत्र में बनाये जाते है से 313 जल ग्रहण क्षेत्र के अंतर्गत 7 लाख 4 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में पानी उपलब्ध कराया जा चुका है।
- गरवा - पशुधन को बचाने या पशुओं के देखभाल हेतु 5400 गौठानो का निर्माण किया जा चुका है, जिसमे 1लाख 84 हजार किसान गोधन न्याय योजना के अंतर्गत पंजीकृत किया जा चुका है।
- घुरवा - गोधन न्याय योजना अंतर्गत 3247 गौठानो से गोबर की खरीदी की जा रही है जिसका मूल्य 1 रुपये प्रति किलो है। गोबर का उपयोग वर्मी कम्पोस्ट/ जैविक खाद बनाने के लिए किया जायेगा एवं किसान को प्रति किलो 10 रुपये की दर से खाद्य मुहैया कराई जायेगी।
- बारी - छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बारी निर्माण के लिए 10 हजार से अधिक की राशि उपलब्ध कराती है एवं सरकार द्वारा निर्मित खाद का उपयोग कर रासायनिक रहित व शुद्घ सब्जियों की पैदावार के लिए प्रोत्साहित करती है।
Suraji gaanv Yojana से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए हमे comment box में प्रतिक्रिया दें। धन्यवाद!
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